गरीब के तिनके तिनके बने हुए धंधे को नियति ने अपने पैरों तले रोंदा
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By Arun Kumar Dwivedi
Published - 21 April 2025 73 views
संवाददाता/ अरुण कुमार द्विवेदी कोटरा
कोटरा/ कहते हैं समय का चक्र किस पर कब चल जाए कोई नहीं जानता बुजुर्गों की एक कहावत है कि ईश्वर जब किसी को देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और जब किसी से लेता है तो उसकी चमड़ी उधेड़ लेता है उसकी इतनी बड़ी परीक्षा ले लेता है कि व्यक्ति आत्महत्या तक के बारे में सोचने लगता है ऐसा ही एक वाक्या नगर पंचायत कोटरा में देखने को मिला एक गरीब व्यक्ति जिसका नाम पल्लू राठौर है उसने अपने पूरे परिवार सहित मेहनत मजदूरी करके जैसे तैसे मंडी बाजार कोटरा में एक दुकान खोली जिसमें उसने सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक नमकीन समोसा भजिया चाऊमीन पेटीज फिंगर एवं चाय का स्टॉल लगाना प्रारंभ कर दिया अपने पूरे परिवार सहित रात दिन एक करके उसे थोक की दुकान में बदल दिया उसने अपनी मेहनत के पैसों से कस्टमरों के हितार्थ बड़ी फ्रिज कूलर पंखाआदि लगा दिए और वह दुकान अपने पुत्र दीपक राठौर को सौंप कर वह एक केतली में भरकर जगह-जगह चाय बेचने लगा उसके पुत्रों की मेहनत रंग लाई उसकी दुकान अच्छी भर गई और चल निकली लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था बिगत रात्रि किन्हीं अज्ञात कारणों से उसी दुकान में लगभग 12:30 से एक के बीच भीषण आग लग गई जल्द ही आग़ की लपटे बंद शटर के बाहर तक दिखाई देने लगी तभी एक राहगीर इन आग की लपटो को देखा और दौड़कर दुकान मालिक को अवगत कराया दुकान मालिक पल्लू राठौर अपने पूरे परिवार सहित दौड़कर आए और आग़ को बुझाने का भागीरथी प्रयास करने लगे साथ ही जोर-जोर से लोगों को आज बजाने के लिए आवाज देने लगे जल्द ही वहां भीड़ खट्टी हो गई और लोग अपने-अपने घर से पानी लाकर उसे आग पर डालने लगे लेकिन फिर भी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही थी तभी रजत स्वामी अनूप स्वामी पत्रकार धर्मेंद्र स्वामी पत्रकार रघुवीर सिंह गौर की नजर दुकान में रखे गैस सिलेंडरों पर गई उन्होंने तत्काल उन गैस सिलेंडरों को दुकान से बाहर निकाल कर उनकी नालियों में गोबर भर दिया और उन्हें उसे आग से बहुत दूर कर दिया जिससे बहुत बड़ी दुर्घटना घटने से बच गई तभी किसी ने नगर पंचायत अध्यक्ष सिया शरण व्यास को इसकी सूचना दी तो वह तुरंत नंगे पांव दौड़े और एक पानी का टैंकर भी मंगवा लिया उसे पानी के टैंकर ने से भी आग बुझाने का अथक प्रयास होने लगा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी आग़ ने सब कुछ अपनी लपेट में ले ले लिया था आग़ की विकरालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आग ने छत के लेटर तक को पूरी तरह से चटका दिया दुकान मालिक पल्लू राठौर एवं दीपक राठौड़ का तो रो रो कर बहुत बुरा हाल है वह कभी दुकान को देखते हैं कभी आसमान की ओर फिर से रोने लग जाते हैं दुकान मालिक पल्लू राठौर एवं नगर के लोगों ने शासन से हाथ जोड़कर मांग की है कि उसे उनका लगभग 15 लाख के आर्थिक नुकसान की भरपाई की जाए जिससे वह और उसका परिवार सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर न होने पाए
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